बस गिरी गहरी खाई में, 32 की मौत, रेस्‍क्‍यू जारी

उत्तराखंड

उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुए बस हादसे में 32 लोगों की मौत हो चुकी है. बस हरिद्वार जिले के लालढांग से बारात लेकर पौड़ी के बीरोंखाल गांव जा रही थी. बस में 40-50 लोग सवार थे. बताया जा रहा है जिस खाई में बस गिरी, उसकी गहराई करीब 500 मीटर है.

उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुए बस हादसे में 32 लोगों की मौत हो चुकी है. बस हरिद्वार जिले के लालढांग से बारात लेकर पौड़ी के बीरोंखाल गांव जा रही थी. बस में 40-50 लोग सवार थे. जब बस सीमडी गांव के पास पहुंची तभी अचानक अनियंत्रित हो गई, जिसकी वजह से यह हादसा हो गया. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. अबतक 20 लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जा चुका है.

पौड़ी में मंगलवार की देर रात बस हादसा हुआ था, जिसमें सीमड़ी गांव के पास बारातियों को लेकर जा रही बस 500 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी. बस हरिद्वार जिले के लालढांग से पौड़ी के बीरोंखाल गांव जा रही थी. रास्ते में अचानक बस अनियंत्रित हो गई, जिससे यह हादसा हो गया. बताया जा रहा है कि कोटद्वार और पौड़ी से करीब 150 किलोमीटर दूर हुए इस हादसे में करीब 32 लोगों की मौत हो चुकी है. जानकारी मिलने के बाद पौड़ी के जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे, एसडीएम स्मिता परमार घटनास्थल पर पहुंचे थे.

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया था कि बस 500 मीटर की खाई में गिर गई. इस हादस में अब तक 6 लोगों को बचाकर अस्पताल भेजा जा चुका है. एसडीआरएफ कोटद्वार औ पौड़ी की टीमें भी घटनास्थल पर रेस्क्यू के लिए पहुंच गई थीं. इसके अलावा 40 से 50 किलोमीटर के दायरे वाले थानों को भी सूचना दे दी गई थी.

SDRF टीमें रेस्क्यू में जुटीं 

मंगलवार रात करीब आठ बजे ये हादसा हुआ. SDRF को धुमाकोट से 70 किमी आगे टिमरी गांव में एक बरात की बस खाई में गिरने की जानकारी मिली. यह बस लालढांग हरिद्वार से काड़ागांव जा रही थी. बस में करीब 45-50 लोग सवार थे. सेनानायक SDRF के निर्देश पर श्रीनगर, कोटद्वार, सतपुली व रुद्रपुर से SDRF की रेस्क्यू टीमें रवाना की गई थीं.

मुख्यमंत्री धामी बोले- सभी के सुरक्षित रहने की प्रार्थना 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बहुत दुखःद घटना है. लगभग 45 लोग बस में सवार थे. बस गहरी खाई में गिर गई है. वहां के अधिकारियों से मैंने बात की है. मैं खुद सभी से बात कर रहा हूं कि जल्द से जल्द बचाव का कार्य शुरू किया जाए.

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