भगवान आशुतोष को मिथुन लग्न और आर्द्र नक्षत्र विशेष प्रिय है, जानिए 26 जुलाई को शिव पूजन का विशेष मुहूर्त

उत्तराखंड हरिद्वार

हरिद्वार। भारतीय प्राच विद्या सोसाइटी कनखल के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पं. प्रतीक मिश्रपुरी ने कहाकि इस श्रावण माह में आद्रा नक्षत्र जिसके स्वामी स्वयं रुद्र हैं। इसमें जल चढ़ाने का विशेष महत्त्व है। इस महत्व का वर्णन शिव पुराण, स्कंध पुराण में भी कहा गया है। उन्होंने बताया कि 26 जुलाई को शिव चौदस है। इसी दिन आद्रा नक्षत्र भी है। उन्होंने कहाकि यद्यपि मंगलवार को पूरे दिन शिव अभिषेक का मुहूर्त है, परंतु मंगलवार शाम 7 बजे से भद्रा प्रारंभ हो जायेगी तथा पूरी रात भद्रा रहेगी। उन्होंने बताया कि इस बार भद्रा भी स्वर्ग में होने के कारण भ्रदा का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होगा। इस कारण से मंगलवार को पूरे दिन ही शिव पर जल चढ़ाने से मानोकमाना पूर्ण होगी।

पं. मिश्रपुरी के अनुसार भगवान आशुतोष को मिथुन लग्न और आर्द्र नक्षत्र विशेष प्रिय है। 26 जुलाई को आर्द्र नक्षत्र तो होगा ही साथ ही मिथुन लग्न 5.45 से 8.44 सुबह तक का मुहूर्त बहुत विशेष होगा। साय काल 19.23 से 21. 20 बजे तक प्रदोष काल में भी विशेष पूजा होगी। उन्होंने बताया कि लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से, रोग निवृति के लिए गिलोय से, पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से, विजय के लिए घी से, मनवांछित वर प्राप्ति के लिय शहद से, राजनीति में सफलता के लिए भगवान पर माणिक चढ़ाएं, शत्रु मर्दन के लिए मूंगा, शिव कृपा प्राप्ति के लिय रुद्राक्ष भगवान पर अर्पित करे।

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