हरिद्वार। नारायण आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र के संथापक डॉ. सत्यनारायण शर्मा अब तक कई रोगियों को असाध्य रोगों से छुटकारा दिलवा चुके हैं इसी क्रम में उन्होंने बताया कि ््तीन माह पूर्व 25 वर्षीय एक व्यक्ति ग्राम हसनपुर, जिला बिजनौर, निवासी निखिल सैनी अनेक चिकित्सकों के उपचार पर भी लाभ न मिलने के कारण किसी एक अन्य रोगी की सलाह पर नारायण आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र में शिर दर्द, शिर व माथे में जलन, आंखों में दर्द, धूप में निकलना तो दुष्कर होना, पूरे शिर में चींटियों के रेंगने का, व सुन्नपने की शिकायत के साथ उपस्थित हुआ।
इतिवृत में रोगी द्वारा हर्पीज होना बताया गया, जिसके निशान उपस्थित थे। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में यह व्याधि विषाणु जन्य (वायरल) होने के कारण एंटीवायरल औषधियों से उपचारित की जाती है, किन्तु कुछ रोगियों में यह रोग न्यूरॉन्स में शोथ कर नाड़ी वेदना, आदि उपर्युक्त रोगी द्वारा वर्णित लक्षणों से तीन वर्ष व उससे भी अधिक परेशान करता है। आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान परीक्षणोपरांत पित्तजाधिक्य वातज व्याधि सुनिश्चित कर रोगी को पूर्णतः पथ्य पालन का निर्देश देकर 15 दिवस की औषध निर्माण कर प्रदान की गई।
15 दिनों के पश्चात रोगी अपनी बहन व माता के साथ हँसता हुआ उपस्थित हुआ, माता द्वारा आयुर्वेद इलाज का बहुत बहुत आभार जताया, तीन माह की चिकित्सा के उपरांत रोगी को पथ्य पालन करते हुए चिकित्सा बन्द करने का सुझाव दिया।
आयुर्वेद केवल चिकित्सा नहीं अपितु स्वस्थ जीवन का विज्ञान है। आयुर्वेद दुष्कर रोगों से मुक्ति दिलाता है इसका पालन कर व्यक्ति स्वस्थ दीर्घायु प्राप्त कर सकता है।
सम्पर्क सूत्र-
1- नारायण आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र,
गली न 3 बिरला फार्म, हरीपुर
(हरिद्वार -देहरादून बॉर्डर)
मोबाइल नं. 94129 78670
2- नारायण चिकित्सा केंद्र
गुसाईं गली, भीमगोडा हरिद्वार