धार्मिक और प्राकृतिक महत्व की वजह से श्रावण अमावस्या बहुत ही लोकप्रिय है
अमावस्या माह में एक बार ही आती है,अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव है, श्रावण मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 16 जुलाई रविवार को रात्रि 10 बजकर 9 मिनट से अगले दिन 17 जुलाई सोमवार को रात्रि में 12 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की सूर्योदय व्यापिनी अमावस्या तिथि 17 जुलाई सोमवार को होने के कारण सोमवती अमावस्या 17 जुलाई सोमवार को होगी। जब अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं,श्रावण अमावस्या के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया धार्मिक और प्राकृतिक महत्व की वजह से श्रावण अमावस्या बहुत लोकप्रिय है दरअसल इस दिन वृक्षों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए इसे हरियाली अमावस्या के तौर पर जाना जाता है वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन पितरों का पिंडदान और अन्य दान-पुण्य संबंधी कार्य किये जाते हैं,सावन सोमवार को सोमवती और हरियाली अमावस्या अच्छा संयोग बन रहा है। हरियाली अमावस्या के दिन पौधारोपण से पितर और प्रकृति दोनों ही संतुष्ट होकर मनुष्य को सुख समृद्घि का आर्शीवाद देते हैं। किसी कारण वश नदियों में स्नान ना कर सके तो घर में ही पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें और किसी गरीब को यथा शक्ति दान अवश्य करें,हरियाली अमावस्या के दिन नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाना भी बड़ा ही फलदायी बताया जाता है।
अमावस्या पर करे ये उपाय
⛳ अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए उपवास रखने से न केवल पितृगण बल्कि ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, वायु, ऋषि, पशु-पक्षी समेत भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं।
अमावस्या को शास्त्र में बहुत शुभ दिन माना जाता है।इस दिन ये कुछ उपाय करने से आपके सौभाग्य में वृद्धि होती है। आपको शुभ फल प्राप्त होता है। जानें कुछ उपाय..
⛳अमावस्या तिथि के दिन सूर्योदय काल में पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान करने तथा सामर्थ्य के अनुसार दान करने से सभी पाप क्षय हो जाते हैं तथा पुण्य कि प्राप्ति होती है।
⛳ तिल, दूध और तिल से बनी मिठाइयों का दान दरिद्रता मिटाने वाला है।
⛳प्रत्येक अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करें। ध्यान के साथ पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें। इस क्रिया को करते समय ‘ॐ पितृभ्य: नम:’ मंत्र का जाप करें। उसके बाद पितृसूक्त का पाठ करना शुभ फल प्रदान करता है।
⛳अमावस्या के दिन सूर्य देव को ताम्र बर्तन में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 3 बार अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय ‘ॐ पितृभ्य: नम:’ का बीज मंत्र का जाप करें।
⛳अमावस्या पर नीलकंठ स्तोत्र का पाठ, सर्पसूक्त पाठ, श्रीनारायण कवच का पाठ करने के बाद ब्राह्मणों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दिवंगत की पसंदीदा मिठाई तथा दक्षिणा सहित भोजन कराना चाहिए।
⛳नि:संतानों की कुंडली में संतान प्राप्ति के योग बन जाते हैं। राहू नीच रूप में यदि किसी के भाग्य वाले स्थान पर बैठा हो तो इस दिन किया गया व्रत इसके दुष्प्रभाव को नष्ट कर देता है।
⛳शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में लाल रंग के धागे का उपयोग करें।
-⛳गरीबी दूर करने, संतान की प्राप्ति के लिए, व्यवसाय में उन्नति के लिए चांदी का छोटा सा पीपल बनाकर दान करें।
⛳अमावस्या के दिन कालसर्प दोष वालों को सुबह स्नान कर के चांदी के नाग-नागिन की पूजा करनी चाहिए। उजले फूल के साथ इसे फिर किसी बहते पानी में प्रवाहित करें।
⛳भगवान विष्णु के मन्दिर में झंडा लगाएं,मां लक्ष्मी को खीर मेवा डाल कर प्रसाद भोग लगाएं माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।
ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा को मन का देवता माना जाता है। अमावस्या के दिन चन्द्रमा नहीं दिखाई देता। इसका प्रभाव सबसे अधिक उन्ही लोगों पर पड़ता है जो बहुत भावुक होते है। लड़कियों का मन सबसे अधिक भावुक होता है।
इस दिन चंद्रमा नहीं दिखाई देता जिसके कारण हमारे शरीर में हलचल होने लगती है।और जो व्यक्ति नकारात्मक सोच वाले होते है उन्हें नकरात्मक शक्ति होने प्रभाव में ले लेती है।
अमावस्या के दिनों में किन बातों का खास ख्याल रखें।
अमावस्या के दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए,ब्रम्चार्य का पालन करना चाहिए,इन दिनों में शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए, व्रत रखने वालों को इस व्रत के दौरान दाढ़ी-मूंछ और बाल नाखून नहीं काटने चाहिए, व्रत करने वालों को पूजा के दौरान बेल्ट, चप्पल-जूते या फिर चमड़े की बनी चीजें नहीं पहननी चाहिए,काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए,किसी का दिल दुखाना सबसे बड़ी हिंसा मानी जाती है। गलत काम करने से आपके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम होते है।
श्रावण अमावस्या के दिन अपनी राशि के अनुसार करें दान :-
अमावस्या के दिन आपके द्वारा किया जाने वाला दान आपकी राशि से जुड़ा हो। राशि के अनुसार आपके लिए कौन सा दान फलदायी साबित होगा,यहां जानें –
⛳मेष राशि के लोगों को गुड़, मूंगफली, तिल,तांबा की वस्तु, दही का दान देना चाहिए।
⛳वृषभ राशि के लोगों के लिए सफेद कपड़े,
चांदी और तिल का दान करना उपयुक्त रहेगा।
⛳मिथुन राशि के लोग मूंग दाल, चावल,
पीला वस्त्र, गुड़ और कंबल का दान करें।
⛳कर्क राशि के लोगों के लिए चांदी, चावल,सफेद ऊन, तिल और सफेद वस्त्र का दान देना उचित है।
⛳सिंह राशि के लोगों को तांबा,गुड़, गेंहू,गौमाता का घी, सोने और मोती दान करने चाहिए।
⛳कन्या राशि के लोगों को चावल, हरे मूंग या हरे कपड़े का दान देना चाहिए।
⛳तुला राशि के जातकों को हीरे, चीनी या कंबल,गुड़, सात तरह के अनाज का देना चाहिए।
⛳वृश्चिक राशि के लोगों को मूंगा, लाल कपड़ा,लाल वस्त्र, दही और तिल दान करना चाहिए।
⛳धनु राशि के जातकों को वस्त्र, चावल, तिल,पीला वस्त्र और गुड़ का दान करना चाहिए।
⛳मकर राशि के लोगों को गुड़,चावल,कंबल, गुड़ और तिल दान करने चाहिए।
⛳कुंभ राशि के जातकों के लिए काला कपड़ा, काली उड़द, खिचड़ी,कंबल, घी और तिल का दान चाहिए।
⛳मीन राशि के लोगों को रेशमी कपड़ा, चने की दाल, चावल,चना दाल और तिल दान देने चाहिए।
महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य) प्रधान श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट(पंजीकृत) रायपुर ठठर जम्मू कश्मीर।
संपर्कसूत्र 9858293195,7006711011,9796293195.ईमेल :rohitshastri.shastri1@gmail.com