-बालकृष्ण शास्त्री
सत्संग अध्यात्म हरिकथा का बाजार आजकल तेजी से बढ़ता जा रहा है। कुछ नामचीन कथा वाचक ऐसे भी है जो कथा सुनाने के बदले में आयोजकों से मोटी रकम लेते है जो 1 लाख से शुरू होकर 15 से 20 लाख तक दक्षिणा शुल्क निर्धारित है सामान्य माध्यम वर्ग के लिये ऐसे आयोजन कर पाना बेहद कठिन है कुछ ऐसे भी कथा वाचक है जो सस्ते है सुलभ है पर कथा के मंच पर कथा कम उल जुलूल बाते अधिक करते हैं, सच्चाई तो यह है कि कथा आयोजन में अध्यात्म ज्ञान का विस्तार अति न्यून (नगण्य) होता है बस भजन गायन के माध्यम से ऊपरी सतह के मनोरंजन भरपूर प्रस्तुत होता रहता हैं ।
अब ऐसे में एक बड़ी समस्या यह है कि विषय केंद्रित होकर ज्ञान कि बात बताने समझने वाले सरस् वक्ता कहा मिलेगें कैसे खोजा जाय आपके इसी तलाश को पूर्ण करने के लिये आज हम आपको एक ऐसे साधक के बारे में बताने जा रहे हैं जो मूलतः अध्यात्म मार्ग का पथिक है। गुरुकुल में परंपरागत ढंग से वेदान्त ,सनातन – शास्त्र का गहन अध्ययन किया है वर्तमान में श्रीरामकथा एवं श्रीमद्भागवत कथा के माध्यम से अध्यात्म ज्ञान का प्रसार कर रहे है वह भी अव्यवसायी भाव से युक्त होकर।
नाम है स्वामी राम शंकर यह युवा साधक डिजिटल बाबा के नाम से सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय है । डिजिटल बाबा के फेसबुक पेज पर 3 लाख लोग बाबा को फॉलो करते हैं। देश के अलग अलग प्रान्तों में डिजिटल बाबा कथा के लिये बुलाये जाते है सबसे खास बात यह है कि बाबा आयोजक के सामने अपने संगीतकारो का सेवा शुल्क एवं केवल किराये भाड़े के खर्च की मांग करते है। अपने दक्षिणा के बारे में बाबा बताते हैं कि यह मांगी नही जाती आयोजक अपने सामर्थ्य अनुसार जो सम्भव है वह प्रदान करें यह आयोजक की स्थिति पर निर्भर करता हैं ।
डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम तक की पढ़ाई किये हैं पढ़ाई करने के दौरान ही वर्ष 2008 में घर छोड़ कर अध्यात्म मार्ग पर चल दिये
देश के विभिन्न गुरुकुलों में रह कर विस्तृत रूप से अध्यात्म योग सङ्गीत आदि अध्ययन मनन किये उसके बाद वर्ष 2017 से हिमाचल प्रदेश के कंगड़ा जिले में स्थित बैजनाथ धाम में निवास कर अपनी साधना में संलग्न हैं समय समय पर कथा प्रवचन के माध्यम से समाज के लोगो को अध्यात्म के बारे में ज्ञान प्रदान करते रहते हैं।