लखनऊ।ग्यारहवीं रंगयात्रा मासिक नाट्य श्रृंखला के तहत संस्कृति मंत्रालय,भारत सरकार के सहयोग से यायावर रंगमंडल ने राजकुमार अनिल द्वारा लिखित एवं मोहम्मद हाफिज के कुशल निर्देशन में सब गोलमाल हैं नाटक का सफल मंचन गोमतीनगर स्थित उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की बाल्मीकि रंगशाला में किया। नाटक में सेठ जी की इकलौती बेटी प्रिया नए ज़माने की पढ़ी-लिखी जागरूक लडक़ी है। सेठ जी के कारोबार से लेकर घर तक की सारी जिम्मेदारी उनके मैनेजर राम जी ने संभाल रखी है। उधर प्रेमपुरी अपनी कवितायें सुना-सुना कर प्रिया को इम्प्रेस करने में लगा रहता है जबकि सेठ जी अपनी प्रिया की शादी अपने स्वर्गवासी दोस्त के बेटे मलय कुमार से करना चाहते हैं। एक दिन मलय कुमार प्रिया को देखने आए जाता है, इसी बीच एक दूसरा पागल लडक़ा भी प्रिया को देखने आ पहुँचता है और वो भी अपने आपको मलय कुमार ही बताता है।
यहां पर किसी ने पहले मलय कुमार को देखा नहीं होता है इसलिए दोनों में असली मलय कुमार कौन है ये फैसला करना मुश्किल हो जाता है। अंत में सबके सामने ये भेद खुलता है कि वो पागल लडक़ा पागल नहीं बल्कि असली मलय कुमार है और दूसरा लडक़ा मुकेश है, जो मलय कुमार के बचपन का दोस्त है। मुकेश और प्रिया एक दूसरे को पसंद करते हैं और मलय भी यही चाहता है कि मुकेश की शादी प्रिया से हो जाए। मलय का चयन भारतीय सेना के लिए हो गया है और वो देश सेवा के लिए बॉर्डर पर जाना चाहता है। मलय को समझने,उसके त्याग और देश प्रेम की भावना से प्रभावित होकर सेठ जी प्रिया का रिश्ता मुकेश के साथ सहर्ष स्वीकार कर लेते हैं। मंच पर शिवजीत वर्मा,आकांक्षा सिंह,प्रिंस सोनकर,राहुल मिश्रा,अखिलेश, सुनील दीक्षित ‘सोनू’ और उत्कर्ष श्रीवास्तव ने अपनी भूमिका सफलता पूर्वक निभाई। मंच परे रूप सज्जा- मनोज वर्मा, संगीत संचालन-सचिन मिश्रा, वेशभूषा-पुष्पलता एवं लक्ष्मी श्रीवास्तव तथा सहायक निर्देशक के रूप में शिवजीत वर्मा और नमन उपाध्याय रहे।