संसार में जो भी इस कथा का श्रवण करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती हैः सुरेश शास्त्री

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कुरूक्षेत्र। सनातन धर्म में श्रीमद्भागवत कथा का बड़ा ही महत्व है। भागवत कथा मानव के जीवन निर्माण का ग्रंथ है। संसार में जो भी इस कथा का श्रवण करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह उदगार अंतराष्ट्रीय भागवत कथा वाचक पंडित सुरेश शास्त्री जी ने त्यागी बाबा आश्रम, मुरैना, मध्य प्रदेश के तत्वाधान में आयोजित श्रीमदभागवत कथा के प्रथम दिवस श्री गीताधाम में व्यक्त किये। कथा का विधिवत शुभारम्भ सर्वदेव पूजन, ब्रम्हसरोवर तीर्थ पूजन एवं भव्य कलश यात्रा से हुआ। थानेसर नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती उमा सुधा, कथा के संरक्षक मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र, कथा व्यास पंडित सुरेश शास्त्री, कथा के परीक्षित समाजसेवी ओ. पी. मोदगिल , कथा के संयोजक इंडियन चौम्बर ऑफ फरमर्स के राष्ट्रीय सचिव अशोक शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन एवं कलश यात्रा से भागवत कथा का शुभारम्भ किया। आचार्य नरेश कौशिक के नेतृत्व में वैदिक ब्रम्हचारिओ ने वैदिक मंत्रो एवं मांगचरण से पवित्र श्रीमदभागवद् ग्रंथ का पूजन संपन्न कराया। श्रीमदभागवद कथा में आये सभी श्रद्धालुओ ने सामूहिक रूप से पवित्र ब्राम्हसरोवर का पूजन किया और जल, जंगल, जमीन के संरक्षण का संकल्प लिया।

कलश यात्रा बहुत ही धार्मिक वातावरण में शंख ध्वनि, बैंड बाजे के साथ श्रीगीता धाम से होकर ब्रम्हसरोवर, बिरला मंदिर, थीम पार्क होते हुए श्री गीता धाम में विराम हुआ। श्रीमती उमा सुधा ने कहा आज जन जन में श्रीमदभागवत कथा के प्रचार प्रसार की आवश्यकता है, जिससे भारतीय सामाजिक जीवन मूल्यो का संरक्षण हो सके। मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा सनातन धर्म में श्रीमद्भागवत कथा का बड़ा ही महत्व है। भागवत कथा मानव के जीवन निर्माण का ग्रंथ है। संसार में जो भी इस कथा का श्रवण करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह उदगार अंतराष्ट्रीय भागवत कथा वाचक पंडित सुरेश शास्त्री जी ने त्यागी बाबा आश्रम, मुरैना, मध्य प्रदेश के तत्वाधान में आयोजित श्रीमदभागवत कथा के प्रथम दिवस श्री गीताधाम में व्यक्त किये। कथा का विधिवत शुभारम्भ सर्वदेव पूजन, ब्रम्हसरोवर तीर्थ पूजन एवं भव्य कलश यात्रा से हुआ। थानेसर नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती उमा सुधा, कथा के संरक्षक मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र, कथा व्यास पंडित सुरेश शास्त्री, कथा के परीक्षित समाजसेवी ओ. पी. मोदगिल , कथा के संयोजक इंडियन चौम्बर ऑफ फरमर्स के राष्ट्रीय सचिव अशोक शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन श्रीमदभागवद ग्रंथ पूजन, एवं कलश यात्रा से भागवत कथा का शुभारम्भ किया। आचार्य नरेश कौशिक के नेतृत्व में वैदिक ब्रम्हचारिओ ने वैदिक मंत्रो एवं मांगचरण से पवित्र श्रीमदभागवद् ग्रंथ का पूजन संपन्न कराया। श्रीमदभागवद कथा में आये सभी श्रद्धालुओ ने सामूहिक रूप से पवित्र ब्राम्हसरोवर का पूजन किया और जल, जंगल, जमीन के संरक्षण का संकल्प लिया। कलश यात्रा बहुत ही धार्मिक वातावरण में शंख ध्वनि, बैंड बाजे के साथ श्रीगीता धाम से होकर ब्रम्हसरोवर, बिरला मंदिर, थीम पार्क होते हुए श्री गीता धाम में विराम हुआ।

श्रीमती उमा सुधा ने कहा आज जन जन में श्रीमदभागवत कथा के प्रचार प्रसार की आवश्यकता है, जिससे भारतीय सामाजिक जीवन मूल्यो का संरक्षण हो सके। मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा ज्ञान, भक्ति और वैरागय का यह महान् ग्रन्थ है। इस पुराण में बारह स्कन्ध हैं, जिनमें विष्णु के अवतारों का ही वर्णन है। नैमिषारण्य में शौनकादि ऋषियों की प्रार्थना पर लोमहर्षण के पुत्र उग्रश्रवा सूत जी ने इस पुराण के माध्यम से श्रीकृष्ण के चौबीस अवतारों की कथा कही है। कथा व्यास पंडित सुरेश शास्त्री ने कहा भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शंाति व मुक्ति मिलती है। इसलिए सद्गुरु की पहचान कर उनका अनुकरण एवं निरंतर हरि स्मरण,भागवत कथा श्रवण करने की जरूरत है। श्रीमद भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। कथा में श्री श्री आसु कवि पंकज, श्री श्री प्रथूवन महाराज, श्याम सिंह बड़ेगाव, श्री बेताल बाबा, योगिराज राकेश शर्मा, प्रशांत त्रिपाठी हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान से अनेक भागवत प्रेमी एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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