मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा अतंर्राष्टीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह-2022 का विधिवत शुभारंभ 16 नवम्बर 2022 को विश्व मंगल महायज्ञ से होगा

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अतंर्राष्टीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह-2022 के उपलक्ष्य में अध्यात्म प्रेरित सेवा संस्थान मातृभूमि सेवा मिशन के द्वारा 16 नवम्बर 2022 से 03 दिसम्बर 2022 तक अठारह दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होगा। 16 नवम्बर को श्रीमद्भगवद्गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में अठारह दिवसीय कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ विश्व मंगल महायज्ञ से होगा। कार्यक्रम आयोजन के सन्दर्भ मे एक बैठक मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम परिसर मे मिशन के संरक्षक श्री श्री 1008 स्वामी विप्रदास की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई। बैठक में अठारह दिवसीय कार्यक्रम के सन्दर्भ में मिशन के संस्थापक डॉ- श्रीप्रकाश मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि अतंर्राष्टीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह-2022 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा 17, 18 एवं 19 नवम्बर 2022 को गीता बाल संवाद होगा। 20 नवम्बर 2022 को एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी विश्वगुरु भारत के निर्माण में श्रीमद्भगवद्गीता की प्रासंगिकता विषय पर होगी। जिसमें देश दुनिया के अनेक गीता प्रेमी एवं विद्वान भाग लेंगे। 21, 22 एवं 23 नवम्बर 2022 को गीता युवा संवाद कार्यक्रम विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में होगा। 24, 25 एवं 26 नवम्बर 2022 को अंतरविद्यालयी प्रतियोगिता गीता श्लोकोच्चारण, प्रश्नोत्तरी, चित्रकला, रंगोली एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभिन्न विषयों होंगे। 27, 28 एवं 29 नवम्बर 2022 को समाज एवं राष्ट्र निर्माण में कुटुम्ब प्रबंधन मे श्रीमद्भगवद्गीता का सन्दर्भ विषय पर होगा। 30 नवम्बर 2022 आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में श्रीमद्भगवद्गीता का परिप्रेक्ष्य विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। 01 एवं 02 दिसम्बर 2022 को सामूहिक श्रीमद्भगवद्गीता वाचन एवं निःशुल्क श्रीमद्भगवद्गीता वितरण कार्यक्रम होगा।

डॉ- श्रीप्रकाश मिश्र ने बताया कि 03 दिसम्बर 2022 को अठारह दिवसीय कार्यक्रम एवं विश्व मंगल महायज्ञ की पूर्णाहुति श्रीमद्भगवद्गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में होगी। डॉ- श्रीप्रकाश मिश्र ने बताया कि इन समस्त कार्यक्रमों में मॉरीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, नेपाल, भूटान, सूरीनाम, फिजी सहित अनेक देशों के गीता प्रेमी एवं गीता विद्वानों की भागीदारी रहेगी।
डॉ- श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास द्वारा रचित महाभारत में श्रीमद्भगवदगीता का संदेश है। इसकी प्रासंगिकता जितनी श्रीकृष्ण के युग में थी, उतना ही महत्व इसका आज भी है। सैंकड़ों वर्षों के कालखंड में वासुदेव के जीवन मूल्यों का अनुसरण आचार्य चाणक्य सहित असंख्य रणनीतिकारों से लेकर कई हिंदू-सिख सम्राटों के साथ सरदार वल्लभभाई पटेल के विचारों और गांधीजी की कुछ नीतियों में प्रत्यक्ष रूप से दिखता है। आज जब सम्पूर्ण विश्व में असंतुलित भौतिक विकास के कारण अवसाद का वातावरण है तो ऐसे में श्रीमदभगवदगीता ही समूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करने में सक्षम है। मिशन के संरक्षक श्री श्री 1008 स्वामी विप्रदास ने कहा मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा अतंर्राष्टीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह-2022 के उपलक्ष्य में अदिति वन सूर्यकुंड अभिमन्युपुर में भी कार्यक्रम का आयोजन होगा। बैठक में मातृभूमि सेवा मिशन के कार्यकारी मंडल के अनेक सदस्य उपस्थित रहे।

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