रुद्रप्रयाग। अगस्त्यमुनि ब्लॉक की न्याय पंचायत चोपड़ा में भौंसारी गदेरे के पुनर्जीवन कार्यक्रम के दूसरे चरण का कार्य शीघ्र ही शुरू होगा। 37.70 लाख की परियोजना में क्वीली, मदोला व कोठगी ग्राम पंचायतों के मध्य बहने वाले भौंसारी गदेरे के जलागम क्षेत्र में वर्षा जल संग्रहण, पौधरोपण और मृदा संरक्षण के कार्य किए जाएंगे। भौंसारी वाटरशेड फाउंडेशन द्वारा ग्राम पंचायत मदोला के सहयोग से आयोजित बैठक में फाउंडेशन के निदेशक पर्यावरण प्रेमी शिक्षक सतेंद्र सिंह भण्डारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराते हुए कहा कि पहले पूरे इलाके को पानी की आपूर्ति करने वाला भौंसारी गदेरे का जलागम क्षेत्र वानस्पतिक आवरण समाप्त होने के कारण सूख गया है। पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के प्रयासों से इसके पुनर्जीवन का कार्य 2019 में जल संरक्षण-संवर्द्धन न्यास रुद्रप्रयाग द्वारा शुरू किया गया था। इसमें क्वीली, कुरझण, ढोंढ़िक और आगर के लोगों की सहभागिता और सिंचाई खण्ड रुद्रप्रयाग तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी द्वारा खन्तियों व चाल-खाल का निर्माण व बांज के पौधों का रोपण किया गया है। इसे भौंसारी के अंतिम छोर तक बढ़ाने के दूसरे चरण का कार्य मनरेगा के माध्यम से किया जा रहा है। इसमें सभी ग्रामवासियों के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता उन्होंने बताई।
विभिन्न संस्थाओं को ग्रामीण विकास व कौशल विकास का प्रशिक्षण दे रहे फाउंडेशन के निदेशक सुभाष पुरोहित ने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों में स्थानीय लोगों की मनोयोगपूर्ण भागीदारी से ही सफलता प्राप्त हो सकती है। उन्होंने कहा कि भौंसारी गदेरे के पुनर्जीवन का कार्य यदि हम सबने पूरी निष्ठा से किया तो पहाड़ों में जल का संकट दूर हो सकता है और हम सबकी यह मेहनत जलस्रोतों के पुनर्जीवन का एक बेहतरीन नमूना बन सकती है। उत्तराखंड में पानी की भरपूर उपलब्धता की चर्चा करते हुए प्रबन्ध निदेशक रमेश पहाड़ी ने कहा कि यदि वर्ष जल को थोड़ा भी संग्रहीत करने में सफलता मिल जाये तो हिमालयी क्षेत्रों में पीने और सिंचाई के पानी की कोई कमी नहीं हो सकती। उन्होंने ग्रामीणों से अनुरोध किया कि पूर्व जिलाधिकारी घिल्डियाल ने इसकी एक अभिनव पहल की है और इससे ही जल-संकट का निवारण हो सकता है। दुनिया और देश में अनेकों उदाहरणों ने इसे सिद्ध कर दिखाया है। फाउंडेशन की निदेशक और ग्राम जलागम समिति कुरझण की अध्यक्ष बिंदी देवी ने ग्राम जलागम समितियों द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। ग्राम प्रधान रोशनी देवी की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में ग्राम जलागम समिति मदोला का गठन किया गया, जिसमें अध्यक्ष सरिता देवी के अलावा सदस्य कुसुम देवी, सरोजनी देवी, अर्चना देवी, दीपा देवी, उत्तिमा देवी और कुंवरी देवी चुने गए। इसके बाद ग्राम जलागम समिति द्वारा सर्वसम्मति से लता देवी और सुनीता देवी को जलागम संरक्षक मनोनीत किया गया। बैठक में महिलाओं के साथ ही गांव के पुरुषों ने भी उत्साहपूर्ण भागीदारी की। ग्राम विकास अधिकारी सुशील मैठाणी , मनरेगा इंजीनियर हिमांशु पंवार, आशा सुपरवाइजर सुशीला सेमवाल सहित ग्रामस्तरीय सरकारी कर्मचारियों ने भी बैठक में भागीदारी की और भौंसारी गदेरे के पुनर्जीवन के कार्यों में हर सम्भव सहायता का विश्वास दिलाया।