महर्षि दयानन्द सरस्वती ने हिन्दू समाज में व्याप्त नाना कुरीतियों और दोषों को मिटाने की प्राणपण से चेष्टा की: डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र

राज्य धर्म

धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के गौरव ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर 01 फरवरी से 12 फरवरी 2023 तक लोकमंगल के निमित्त चतुर्वेद पारायण महायज्ञ होगा
कुरुक्षेत्र।
महान समाज सुधारक एवं भारत में नव जागरण के पुरोधा महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज के जन्म के 200 वर्ष प्रारंभ के उपलक्ष्य में महर्षि दयानंद सरस्वती द्वितीय जन्मशताब्दी समारोह आयोजन समिति के द्वारा वर्ष भर 01 फरवरी 2023 से 12 फरवरी 2024 तक चलने वाले समस्त कार्यक्रमों का शुभारंभ योग भवन 01 फरवरी 2023 दिव्य एवं भव्य कार्यक्रम देश के महान राष्ट्र विभूतियों की गरिमामयी उपिस्थति में 12 दिवसीय चतुर्वेद पारायण महायज्ञ एवं विशाल सभा से होगा। यह जानकारी देते हुए कार्यक्रम के प्रभारी मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने बताया कि चतुर्वेद पारायण महायज्ञ के निमित्त घास पूस एवं बांस निर्मित यज्ञशाला का निर्माण उत्तराखंड के विशेष कारिगरों द्वारा पूर्ण कर लिया गया है। इस यज्ञशाला में प्रतिदिन 01 फरवरी 2023 से 12 फरवरी 2023 तक सूर्योदय से सूर्यास्त तक देश के मूर्धन्नय वैदिक विद्वानों, ब्रह्मचारियों एवं ब्रह्मचारिणयों के निर्देशन में वेद के मंत्रो की आहुति डाली जाएगी। इस महायज्ञ में उपयोग होने वाली यज्ञ सामग्री विशेष औषधियों एवं वनस्पतियों से निर्मित की गई है और पथमेड़ा, राजस्थान के प्रसिद्ध गौशाला के वेदलक्ष्णा गौ के दूध से तैयार 10 किवंटल घृत का उपयोग होगा। जिससे आस पास का वातवरण न केवल स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त होगा बल्कि आस पास के क्षेत्रें में ऑक्सीजन का स्तर भी बढ़ेगा। 12 दिवसीय इस कार्यक्रम में प्रतिदिन राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सम सामायिक विषयों पर संगोष्ठियों का आयोजन होगा।

इन संस्थाओं की होगी भागीदारी

कार्यक्रम प्रभारी डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने बताया कि यह कार्यक्रम वेद विद्या शोध संस्थान कुरुक्षेत्र के परमाध्यक्ष स्वामी संपूर्णानन्द सरस्वती की अध्यक्षता में संपन्न हो रहा है। इस कार्यक्रम के संयोजक पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. रामभक्त लागयान, गुरुकुल झज्झर के आचार्य विजय पाल जी, गुरुकुल कालवा के आचार्य राजेन्द्र जी, गौ रक्षा दल, मातृभूमि सेवा मिशन, हरियाणा आर्य समाज सेवादल, हरियाणा के विभिन्न समाज संगठन सहित अनेक गुरुकुल, महाविद्यालय एवं अनेक सामाजिक धार्मिक एवं आध्यात्मिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हो रहा है। इस आयोजन समिति से संबंधित विभिन्न पदाधिकारी हरियाणा के विभिन्न जनपदों एवं देश के विभिन्न भागों में कार्यक्रम की तैयारी के निमित्त अनवरत् प्रयासरत हैं।

यह हस्तियां रहेंगी मौजूद

कार्यक्रम प्रभारी डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने बताया कि 01 फरवरी 2023 को ब्रह्मसरोवर तट पर 12 दिवसीय कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरजिंदर सिंह धामी, जूना पीठाधीश्वर अनन्त श्रीविभूषित आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज, योग ऋषि स्वामी रामदेव, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविन्द देव गिरी, जियो गीता के प्रणेता स्वामी ज्ञानानंद महाराज, ऑल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के मुख्य इमाम डॉ. इमाम उमेर अहमद इलियासी, जयराम संस्थाओं के अध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, देव बंद के मौलाना मुहम्मद मदनी, बाबा कालीदास, सांपला, गौस्वामी सुशील जी महाराज, संत रविदास परंपरा के प्रमुख संत वीर सिंह हितकारी, बाबा कपिल पूरी जी महाराज, योगी सुकराईनात, जैन संत आचार्य विवेक मुनि, नामधारी संप्रदाय के सरदार दिलीप सिंह जी, पदमश्री ब्रह्मेशानंद जी, अजमेर शरीफ के हाजी सयैयद सलमान चिश्ती, जैन संत योगभूषण जी महाराज सहित विश्वभर में व्याप्त अनेक धर्म के प्रमुख की गरिममयी उपस्थिति रहेगी।

डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती समाज के सर्वांगीण विकास के समर्थक थे। स्वामी दयानन्द सरस्वती शिक्षा का ऐसा रूप चाहते थे, जिससे बौद्धिक विकास के साथ साथ शरीरिक, मानसिक व आत्मिक विकास भी हो। इसलिए वे पाश्चात्य शिक्षा पद्धति के विरुद्ध थे। वे गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था पर जोर देते थे। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने हिन्दू समाज में व्याप्त नाना कुरीतियों ओर दोषों को मिटाने की प्राणपण से चेस्टा की।

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